विकास खंड धानी में बना सरकारी आवास खंडहर में तब्दील , जिम्मेदार मौन
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विकास खंड धानी में बना सरकारी आवास खंडहर में तब्दील , जिम्मेदार मौन
0– विकास खंड धानी में बनाअधिकारियों कर्मचारियों का आवास खंडहर में तब्दील, होने से खंड विकास अधिकारी/सचिव आज भी किराए के मकान में रहने को मजबूर
फरेंदा/–महराजगंज
धानी-वृजमनगंज मार्ग के अंतिम झोर पर स्थित क्षेत्र पंचायत कार्यालय धानी के परिसर में बना अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आवास खंडहर में तब्दील हो गया है जिसके कारण सम्बन्धित अधिकारियों/सचिवों को रात्रि विश्राम करने के लिए मजबूरन किराए के मकान में रहना उनकी विवशता हो गई है। जिससे जनता के समस्यायों का समाधान नहीं हो पा रहा है। बताया जाता है कि क्षेत्र पंचायत धानी अत्यधिक पुराना व्लाक है। लेकिन जनपद का बंटवारा होने के कारण आज 18 ग्राम सभाओं का व्लाक हो गया है। इससे पहले इस क्षेत्र पंचायत में लगभग पांच न्याय पंचायत रही है। अतिशयोक्ति होगा कि आज इस विकास खंड कार्यालय पर रात्रि विश्राम करना कोई अधिकारी व कर्मचारी मुनासिब नहीं समझता है।
यानी यह व्लाक भगवान भरोसे चलता चला आ रहा है। जबकि धानी बाजार बहुत ही पुरानी बाजार है यहां से नावों से व्यापार होता था। विकास खंड धानी के अन्तर्गत रामनगर उर्फ कानापार गांव सभा है इसी गांव के पूर्व विधायक गौरीराम गुप्ता एवं उनकी धर्मपत्नी पियारी देवी विधायका रही है। इन्हीं लोगों के प्रयास से धानी बाजार में वैक, व्लाक पशु अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र , पोस्ट आफिस, मीडिल स्कूल सहित अन्य सरकारी गैर सरकारी कार्यालय स्थापित हुए हैं। उनका निधन हो जाने पर आज कई दशक बीत गए किसी राजनितिज्ञ ने मुड़ कर देखा नहीं है। जिससे यह क्षेत्र पंचायत बदहाल हो घड़ियाली आंसू बहा रहा है।सरकारी
शर्तों को पूरा करने के पश्चात भी क्षेत्र पंचायत धानी आज राजनितिज्ञो की उपेक्षा का दंश झेल रहा है जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ यहां की जनता को बहुत भगीरथ प्रयास के बाद ही मिलता है। धानी ….उसका.. नौगढ़ मार्ग पर बसा धानी बाजार है इसी के अन्तर्गत रामनगर उर्फ कानापार गांव सभा है इसी गांव सभा की जमीन में क्षेत्र पंचायत धानी स्थित है साथ ही साथ जनपद महराजगंज के आखिरी छोर पर यह क्षेत्र पंचायत अवस्थित है। वर्ष 1938की फरेंदा तहसील है इसी के आगे .. पीछे का विकास खंड धानी है जो आज अपने अधिकारियों कर्मचारियों के बने आवास को खंडहर में तब्दील होते देख घड़ियांली आंसू बहा रहा है, वहीं शासन प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी अति पिछड़े क्षेत्र में बसा विकास खंड धानी का सुधि लेना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं।
स्वामी एवं सम्पादक-श्री विशुनदेव त्रिपाठी WhatsApp -8756930388 e.mail -vicharpiyush@gmail.com
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